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जेएसडब्ल्यू थर्मल पावर प्लांट साबित होगा बंगाल का माइलस्टोन: ममता बनर्जी
16 हजार करोड़ का निवेश, 15000 हजार नौकरियां
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को सालबोनी में 1600 मेगावाट के ताप विद्युत संयंत्र की आधारशिला रखी।जिस पर 16,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।जेएसडब्ल्यू एनर्जी की यह परियोजना बंगाल के कोर सेक्टर में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश होगा, जिसे ममता बनर्जी के 14 साल के शासन के दौरान सबसे आकर्षित निवेश बताया गया है।मुख्यमंत्री के साथ 24 अरब डॉलर के जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल और उनके पुत्र पार्थ जिंदल, जेएसडब्ल्यू एनर्जी के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं सीईओ शरद महेंद्र सहित अन्य लोग भी मौजूद थे। इसके अलावा राज्य के ब्रांड एंबेसडर सौरव गांगुली, मंत्री अरूप विश्वास भी उपस्थिति थे।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बहुत बहुत आभारी हूं मेरे भाई सज्जन जिंदल और बहन संगीता जिंदल का।16 हजार करोड़ का निवेश कर 1600 मेगावाट का शिलान्यास बंगाल के लिए लैंडमार्क प्रोजेक्ट साबित हुआ। 23 जिलों में लोगों को यहां से बिजली मिलेगी। पूर्वी भारत में अभी तक ऐसा प्रोजेक्ट नहीं आया। हमारे साथ जिंदल समूह का एक दस्तावेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित हुआ है। इस प्रोजेक्ट से 15000 नौकरियां मिलेंगी। बंगाल सरकार जिंदल समूह से बिजली खरीदेगी।उन्होंने कहा कि बंगाल में और भी बिजली की जरूरत है, 2011 में 2000 मेगावाट बिजली की जरूरत थी लेकिन अब 18000 मेगावाट की जरूरत है।जितनी बंगाल में पावर प्लांट से उत्पादन बढ़ेगी उतनी बिजली सस्ती होगी। सीएम ने कहा कि पहले बंगाल में 12 घंटे लोडशेडिंग होती थी, आज 24 घंटे की बिजली है । हमलोगों ने 76 हजार करोड़ रुपए बिजली क्षेत्र में खर्च किए। मैं चाहती हूं कि हमारी अगली पीढ़ी को बिजली की समस्या न उठानी पड़े। हमारे उपभोक्ता बढ़ रहे है, पहले एक करोड़ सात लाख उपभोक्ता थे जो बढ़कर दो करोड़ तीस लाख हो गए है। उन्होंने बताया कि सांथालडीह, बकरेश्वर और दुर्गापुर में 5 नए पावर सरकार की तरफ से लगेगा। 2 हजार एकड़ जमीन पर जेएसडब्ल्यू इंडस्ट्रियल पार्क बनाएगा जिसमें हजारों नौकरी मिलेगी। जिंदल पावर प्लांट बंगाल का माइलस्टोन साबित होगा। जेएसडब्लू के एमडी सज्जन जिंदल ने राज्य सरकार द्वारा जमीन दिए जाने पर शुक्रिया और आभार जताया साथ ही मुख्यमंत्री की भूरी भूरी प्रशंसा की। 1600 मेगावाट का यह बिजली संयंत्र 1,000 एकड़ के भूखंड पर बनेगा जिसे शुरू में एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिए जेएसडब्ल्यू समूह को पट्टे पर दिया गया था। हालांकि, कई कारणों से यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई। बाद में, जेएसडब्ल्यू समूह ने वहां एक सीमेंट विनिर्माण इकाई स्थापित की थी।जिंदल ने सबसे पहले फरवरी में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में इस पावर प्लांट परियोजना की घोषणा की थी। पिछले गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो अक्सर समिट की आलोचना करते हैं और वादा पूरा न करने का आरोप लगाते हैं।
नया संयंत्र बंगाल की बिजली की मांग को पूरा करेगा।दुर्गापुर, बकरेश्वर और संतालडीह में नए थर्मल पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं। 800 मेगावाट का पहला चरण 4 साल में चालू हो जाएगा, जबकि इसी क्षमता की दूसरी इकाई 5 साल में चालू हो जाएगी। कंपनी 2024 में राज्य के बिजली विभाग द्वारा की गई रिवर्स नीलामी में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी। केंद्र सरकार की शक्ति बी (IV) योजना के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा बिजली संयंत्र के लिए कोयला लिंकेज उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत, राज्य सरकार सीआईएल से जिंदल बिजली संयंत्र के लिए कोयला लिंकेज की सुविधा प्रदान करेगी। नीलामी में, जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने राज्य सरकार को लिंकेज कोयले का उपयोग करके प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे सस्ती (सबसे कम टैरिफ) बिजली बेचने की पेशकश की थी। मार्च में, कंपनी ने पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी, जो राज्य के अधिकांश हिस्सों में बिजली की आपूर्ति करती है, के साथ 25 साल की अवधि के लिए बिजली बेचने के लिए एक बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।